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General Tips and Advice

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Health Topics in Hindi

This page provides some health topics in hindi on a variety of diseases, treatment and the role of diet and home remedies in improving your health.

Home Remedies Tips in Hindi

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Recipes in Hindi

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Monday, December 24, 2018

आंवले का अचार बनाने की विधि | Amla Pickle Recipe In Hindi

Amla Pickle Recipe In Hindi हमारे देश में अचार का इतना महत्व है कि इसके बिना खाने की थाली अधूरी लगती है अचार हर घर के किचन में आसानी से मिल जाता है आज हम आपको बताने जा रहे है आंवले का अचार बनाने की रेसिपी।



सामग्री
आंवला – आधा किलो
मेथी के दाने – 2 छोटे चम्मच
सौंफ का पाउडर – 2 छोटे चम्मच
हल्दी पाउडर – 2 छोटे चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
दरदरी पिसी पीली सरसों – 5 छोटे चम्मच
अजवायन – 1 छोटा चम्मच
हींग पाउडर – एक चौथाई छोटा चम्मच
सरसों का तेल – 250 ग्राम
नमक – स्वादानुसार
विधि
आंवलों को अच्छी तरह से धो लें और एक लीटर पानी में धीमी आंच पर उबालें।
तब तक उबालें जब तक आसानी से इनकी फांको से गुठलियों को अलग किया जा सके।
ठंडा होने पर पानी अलग करके फांकों को अलग कर गुटली निकाल दें ।
पैन में तेल को गर्म करें और गैस बंद कर दें। अब हींग, मेथी दाने और अजवायन डालकर हल्का सा भून लें।
सौंफ पाउडर ,लाल मिर्च पाउडर ,हल्दी पाउडर ,पीली सरसों और नमक डालकर मिश्रण को मिला दें।
आंवलों को इस मिश्रण में डालकरअच्छी तरह से मिला लें।
एक जार को अच्छी तरह से साफ़ करें।
मिश्रण ठंडा होने पर अचार इस जार में भरकर रख दें।
अचार को अगले 4-5 दिनों तक दिन में दो बार उलट पलट कर चला लें। ताकि मसाले आंवले के साथ मिल जाए।
इसको कुछ दिनों तक धूप में रखें और फिर इसका इस्तेमाल करें।

Bharwa Baingan Recipe in Hindi

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Cholai ka saag recipe in hindi

Cooking Tips in Hindi | बड़े काम के बेमिसाल नुस्ख़े

अगर आप खाना (Cooking Tips in Hindi) बनाने का शौक रखते है और आपको कई तरह की डिशेज बनानी आती है लेकिन कई छोटी-छोटी चीज़ें है जिसको न करने से सारी मेहनत ख़राब हो जाती है इस पोस्ट में कुछ ऐसे ही नुस्खे दिए गए है जिन्हे आप किचन में इस्तेमाल करके खाने का स्वाद बढ़ा सकते है।

* तैयार मिर्च के अचार में थोड़ा सा गुड़ और एक चम्मच सिरका डालें। अचार का स्वाद बढ़ जाएगा।
* गीले बिस्किट को कुरकुरा बनाने के लिए बर्तन में एक चम्मच चीनी डालें फिर इसमें बिस्किट जमाएं और इन्हें फ़्रिज में रख दें।
* खड़ा गरम मसाला तवे पर गर्म करने के बाद पीसें। इसकी ख़ुशबू में इज़ाफा होगा।
* दही को गाढ़ा जमाने के लिए जमाते समय दूध में मक्के के कुछ दाने डाल दें।
* यदि चावल बच जाएं तो उसमें सूजी, नमक, खट्टा दही और गर्म पानी डालकर मिक्सर में पीसें। इस मिश्रण से इडली बनाएं।
* केक बनाते समय मिश्रण में थोड़ी सी ग्लिसरीन मिला दें। केक मुलायम और स्पंजी बनेगा।
* इडली डोसे के लिए चावलों को भिगोने से पहले ज़रा सा भून लें। इससे इडली मुलायम और डोसा कुरकुरा बनेगा।
* भरवां सब्ज़ी बनाते समय उसमें थोड़ा सा बेसन डाल दें, सब्ज़ी स्वादिष्ठ बनती है।
* कढ़ी बनाने से पहले बेसन को सूखी कड़ाही में भूने फिर एक बार छान लें। कढ़ी स्वादिष्ठ बनेगी।
* काले छोले बनाने के लिए उबालते वक़्त अनार के छिलके डाल दें। छोलों का रंग बदल जाएगा। उबालते समय ही अगर उसमें 1 चम्मच गरम मसाला डाल दें, तो भी छोलों का स्वाद बढ़ जाएगा।
* गोभी बनाने से पहले उसे काटकर एक बोल में 2 चम्मच नमक डालकर 20 मिनट के लिए रख दें। इससे गोभी के अंदर छिपे कीड़े बाहर निकल जाएंगे।
* आलू के पराठे बेलते समय आलू गीला होने के कारण पराठे फटने लगते हैं। आलू का मसाला बनाकर उसमें पोहे मिला दें और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। पोहे आलू का अतिरिक्त पानी सोख लेंगे और वे बेलते वक़्त फटेंगे नहीं।

Ear Care Important Tips in Hindi | ठीक नहीं है रोज कान साफ करने की आदत

Ear Care Important Tips in Hindi अक्सर देखा गया है कि कई लोगों को बार-बार कान साफ़ करने की आदत होती है। जो की कई बार बहुत ही घातक साबित हो सकती है जिन लोगों को यह आदत है वह कृपया ध्यान दें यह आदत जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें।



कान को रोज साफ करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है। क्यूंकि कान स्वत: साफ हो जाते हैं।
इसमें छेड़छाड़ करना कई समस्याओं को जन्म दे सकता है.
साफ करने की जरूरत नहीं
बरसात में नमी व उमस के चलते कान से संबंधित बीमारियां बढ़ जाती है।
इसलिए यह जरुरी है कि हम कानों (Ear Ringing Causes and cures in hindi) देखभाल अच्छे से करें।
ऐसा कुछ भी मत करें जो कान में समस्याओं को पनपने में मदद करे।
कई लोगों की आदत रोजाना कान को साफ करने की होती है।
उनमें यह धारणा होती है कि शरीर के अन्य अंगों की तरह कानों को भी रोजाना साफ़ करना चाहिए ।
इसलिए वह इयरबड, पिन या तीली जैसी वस्तुओं का प्रयोग करते है।
कई लोग नहाते समय पानी के छींटे लगाते हैं। जो कई परेशानियों को पैदा कर सकता है।
कान शरीर का एक ऐसा भाग है जो की स्वतः ही साफ हो जाता है।
शरीर के अन्य भागों की तरह इसको रोजाना साफ करने की जरूरत नहीं होती है।
कुछ ही लोगों में इस तरह की समस्या देखी जाती है।
जिनके कान में मैल अत्यधिक मात्रा में बनता है, बहुत ठोस होता है या कान की केनाल टेढ़ी व संकरी होने से अपने आप बाहर निकल पाने में रुकावट रहती है, तब केवल विशेषज्ञ से ही इसे निकलवाना चाहिए।
इस मामले में किसी भी तरह के घरेलू उपचार समस्या को बढ़ा सकते हैं।
रखिए इन बातों का ध्यान
कान को सूखा रखें इसमें पानी न जाने दें। नहाते समय कान में तेल या वेसलीन लगी हुई रुई लगाई जा सकती है।
ज्यादातर कान के पर्दे व हड्डी के रोग लंबे समय से जुकाम रहने पर होते हैं।
नाक बंद रहने या जुकाम रहने पर नाक व कान के मध्य स्थित यूस्टेकियन ट्यूब के उचित कार्य न करने की स्थिति में कान पर प्रतिकूल असर होने लगता है।

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मेकअप में गड़बड़ न करें | Makeup Tips in Hindi

मेकअप Makeup Tips in Hindi करना भी एक कला है, जिससे आप चेहरे को नया रूप देकर निख़ार सकते हैं। सही मेकअप आत्मविश्वास से भर देता है, वहीं मेकअप के दौरान हुई ज़रा सी चूक चेहरे की सुंदरता छीन सकती है। मेकअप के दौरान होने वाली ग़लतियां और उन्हें सुधारने के बारे में जानते हैं, ताकि आप इन ग़लतियों को न दोहराएं।



मॉइश्चराइज़र और प्राइमर का साथ
कुछ लोग चेहरा धोकर मॉइश्चराइज़र क्रीम का इस्तेमाल नहीं करते, जिस कारण त्वचा रूखी दिखती है।
और उस पर झुर्रियां नज़र आने लगती हैं। चेहरा धोकर पोछकर पहले मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करें।
मेकअप Beauty Tips in Hindi को क्रीम लगाने के 10-15 मिनट बाद ही लगाना शुरू करें।
त्वचा पर सीधे फाउंडेशन लगाने के बजाए पहले प्राइमर को लगाएं। उसके बाद ही फाउंडेशन लगाएं।
प्राइमर फाउंडेशन को चेहरे पर अच्छी तरह फैलने और मेकअप को ज़्यादा समय तक टिके रहने में मदद करता है।
फाउंडेशन की पहचान
सबसे पहले त्वचा के बारे में जानना ज़रूरी है, ताकि उसके अनुसार फाउंडेशन का इस्तेमाल किया जाए।
यदि त्वचा रूखी है तो फाउंडेशन से पहले मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यदि त्वचा तैलीय है तो वॉटर बेस्ड फाउंडेशन का ही चुनाव करें।
कुछ लोग गोरा दिखने के लिए बेहद हल्के रंग के फाउंडेशन का इस्तेमाल करते हैं जो कुछ समय बाद त्वचा पर आने वाले प्राकृतिक तेल के साथ मिलकर चेहरे पर कालापन ला देता है।
फाउंडेशन हमेशा त्वचा के रंग से मेल खाता लें। यदि त्वचा पीलापन लिए है तो एक स्किन टोन हल्का फाउंडेशन लें।
गोरा दिखने के लिए बहुत हल्के रंग के फाउंडेशन का इस्तेमाल न करें।
फाउंडेशन लगाने का सही तरीक़ा
अक्सर महिलाएं फाउंडेशन लगाकर सीधे रगड़ने लगती हैं, जो कि बिल्कुल ग़लत है।
फाउंडेशन लगाने का सही तरीक़ा यह होता है कि उसकी छोटी-छोटी बिंदियां चेहरे पर लगाएं और दो उंगलियों की मदद से थपथपाते (टैप) हुए फैलाएं।
इस तरह से फाउंडेशन पूरे चेहरे पर अच्छी तरह से सैट हो जाएगा।
सैटिंग पाउडर का इस्तेमाल
मेकअप को सैट करने के लिए अगर अधिक मात्रा में फेस पाउडर लगा लें, तो चेहरा सफेद और अजीब सा नज़र आने लगता है।
नैचुरल मेकअप के लिए हल्के से सैटिंग पाउडर का इस्तेमाल करें।
ब्लशर के लिए गालों पर हल्के हाथ से ब्लशर ब्रश इस्तेमाल करें।
आईशैडो का रंग
महिलाएं अक्सर इस भ्रम में रहती हैं कि जिस रंग के कपड़े पहने हैं आईशैडो, लिपस्टिक और नेल पॉलिश उसी रंग की होनी चाहिए।
इसे मेकअप ब्लंडर कहा जाएगा।
यदि गुलाबी रंग का ड्रेस पहन रही हैं तो उस पर ब्राउन, गोल्डन आईशैडो और स्मोकी आइज़ जंचेंगीं।
मैचिंग के लिए ड्रेस से मेलखाती लिपस्टिक लगा सकते हैं।
पूरे चेहरे पर न लगाएं ग्लिटर
रात की पार्टीज़ में कई बार महिलाएं ग्लिटरी पाउडर या फाउंडेशन का इस्तेमाल कर लेती हैं, जिसकी चमक पूरे चेहरे पर दिखती है।
इससे मेकअप बनावटी लगता है। ग्लिटर का इस्तेमाल ख़ास जगह करें।
आंखों पर ग्लिटरी लाइनर या आईशैडो लगाया जा सकता है।
ये दिखने में नैचुरल लगता है व आंखों को डिफाइन करता है।

Friday, December 21, 2018

How to Stay Fit and Healthy | ऐसे रखें खुद का ख्याल

How to Stay Fit and Healthy खुद को स्वस्थ बनाने के लिए हम कुछ नहीं करते मगर रोजमर्रा की जिंदगी में अगर छोटे-छोटे बदलाव कर लेंगे तो अच्छे नतीजे मिल सकते है तो सजग हो जाईये अपने स्वास्थ्य के प्रति और स्वस्थ जीवन जियें।



आजकल बाजार में सेहत बनाये रखने के लिए कई तरह के पाउडर और पेय पदार्थ है। मगर इनको अपनाना ही अपनी सेहत बनाने का रास्ता नहीं है अपितु अपनी रोजाना की दिनचर्या में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके भी खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है ये बदलाव न केवल आपको तंदुरस्त रखेंगे बल्कि कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से भी दूर रखेंगी।
सिर नीचे पैर ऊपर
फोन पर बात करने के दौरान या खाली समय में पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को दीवार के सहारे टिका लें।
आपके ऐसा करने से नसों में रक्त के जमने की समस्या का ख़तरा कम होता है।
इससे रक्त का संचार मस्तिष्क की ओर बढ़ता है और की नसों को भी आराम पहुंचेगा।
गले का भी रखें ख्याल
चेहरा,बाल और हाथों का ख़्याल रखने के लिए हम कई प्रकार के उपाय करते हैं लेकिन गले का थोड़ा काम ही ध्यान रखते हैं।
गले की त्वचा पतली और संवेदनशील होती है। इसलिए गले का ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है।
चेहरे की तरह गले पर भी रोज़ाना माॅइश्चराइज़र लगाएं।
हमेशा साथ रखें पानी
यह जानकारी लगभग सबको होती है कि एक दिन भर में 6- 8 गिलास पानी तो ज़रूर पीना चाहिए, जानते सब है मगर अमल बहुत कम लोग करते है।
इसे अमल में न ला पाने का सबसे बड़ा कारण है कि पानी पीना भूल जाना।
खासकर सर्दियों में तो लोग अक्सर पानी पीना भूल जाते है क्यूंकि इन दिनों में प्यास भी काम लगती है।
इसलिए जहां भी जाएं अपने साथ एक पानी की बोतल ज़रूर रखें।
ऑफिस डेस्क पर पानी रखते ही हैं, लेकिन बैग और कार में भी पानी की छोटी बोतल ज़रूर रखें।
सैटिन का तकिया
तकिए के कपड़े का सीधा सम्बन्ध आपके चेहरे से होता है।
अगर कपडा कड़क हुआ, तो झुर्रियां बढ़ सकती हैं। इससे बचने के लिए मुलायम रेशम या सैटिन के तकिए का उपयोग करें।
इससे चेहरा और बाल नहीं बिगड़ेंगे।
कसकर बाल न बांधें
पोनीटेल बनाकर बालों को पीछे कसकर बांधना बालों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है।
यह बालों को कमज़ोर बनाती है और समय के साथ बाल टूटने की समस्या बढ़ जाती है।
बालों को पीछे खींचकर बांधने से हेयर लाइन भी पीछे चली जाती है।
रबर बैंड की बजाय स्पायरल बैंड का उपयोग करें जिससे बाल बंधे होने पर भी ढीले नहीं होंगे।

Friday, December 14, 2018

Apple Pickle Recipe Hindi | सेब का अचार रेसिपी

हमारे देश में अचार कई तरीकों और कई चीज़ों से बनाया जाता है जैसे, आंवला, गाजर, आदि। कई और भी चीज़ें है जिन से आप स्वादिष्ट अचार तैयार कर सकते है आज हम सेब के अचार की रेसिपी आपको बताने जा रहे है तो आइये जानते है इस रेसिपी के बारे में।


सामग्री 
सेब हरे – 2
कढ़ी पत्ते 8 – 10
मेथी के दाने – 1 छोटा चम्मच (भूनकर पीस लें)
सरसों के दाने – 1 /2 छोटा चम्मच
उड़द दाल – 1 /2 छोटा चम्मच
देगी मिर्च – 1 छोटा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – 1 /2 छोटा चम्मच
हल्दी पाउडर 1 /2 छोटा चम्मच
नींबू का रस – 2 छोटे चम्मच
नमक स्वादानुसार
विधि
सेब को काट लें उसके बीज वाले भाग को निकाल लें।
बीज निकलने के बाद सेब को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
अब इन टुकड़ों में एक चम्मच नींबू का रस और थोड़ा नमक मिला लें।
पैन में तेल गरम करें और इसमें कढ़ी पत्ते, मेथी के दाने, सरसों, लाल मिर्च, देगी मिर्च, हल्दी और नमक मिलायें।
जब मसाले थोड़ा पाक जायें इसमें सेब के टुकड़े डाल दें।
एक मिनट पकने के बाद ,गैस को बंद कर दें और इस मिश्रण को ठंडा होने के लिए रख दें।
जब मिश्रण ठंडा हो जाए इसमें नींबू का रस डालकर अच्छी तरह से मिला लें।
एक एयर टाइट डिब्बे में यह मिश्रण डालकर फ्रिज में रख दें।
इस अचार को 15 दिनों तक उपयोग कर सकते है।
हमें यकीन है कि जब आप इस अचार को बनायेंगे तो आपको बहुत ही पसंद आएगा तो एक बार बना कर जरूर देखें ।

Thursday, November 29, 2018

चौलाई की भाजी रेसिपी | Cholai Ka Saag Recipe Hindi

Cholai Ka Saag Recipe Hindi हरी सब्जियां लगभग सभी लोग पसंद करते है और कई प्रकार से बनायीं जाती है। चौलाई की भाजी उन्ही में से एक है यहाँ हम बताने जा रहे है चौलाई की भाजी बनाने का तरीका तो आईये जानते है।



सामग्री
चौलाई के पत्ते – 2 कप
पनीर – 1 कप ( कद्दूकस किया )
सूजी – 1 छोटा चम्मच
चावल का आटा – 1 छोटा चम्मच
चिली फ्लिक्स – 1 छोटा चम्मच
टमाटर का पेस्ट – 1 /2 कप
प्याज – 2 (मध्यम आकार के)
हरी मिर्च- स्वादानुसार
अदरक – एक छोटा टुकड़ा
लहसुन पेस्ट – 2 बड़े चम्मच
तेल – 2 बड़े चम्मच
मक्खन – 2 बड़े चम्मच
नमक – स्वादानुसार
विधि 
पानी उबाल लें और चौलाई के पत्तों को अच्छी तरह से धोकर उबलते पानी में 1 मिनट के लिए डालें।
पत्ते थोड़ा ठन्डे हो जायें तो इनका पेस्ट बना लें।
सूजी, पनीर, चावल का आटा, चिली फ्लेक्स (Chili Flakes) और नमक डालकर छोटी- छोटी गोलियां बना लें।
इन गोलियों को करीब 10 मिनट तक भाप (Steam) में पका लें।
एक पैन में मक्खन (Butter) को पिघलायें और स्टीम की हुई गोलियों को 4-5 मिनट चला लें।
इनका रंग न बदले इस बात का विशेष ध्यान रखें।
गोलियों को निकल कर अलग रख लें।
इसी पैन में तेल डालकर गरम करें।
कटा प्याज़ डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
अब इसमें लहसुन, अदरक का पेस्ट डालकर भूनें अब इसमें टमाटर का पेस्ट डालकर पकायें।
जब यह मसाला तेल छोड़ने लग जाये इसमें चौलाई का पेस्ट डाल दें।
नमक और पानी डालकर 2 -3 मिनट तक पकाएं। तैयार पनीर के गोले डालकर ढक दें।
कटा हुआ धनिया डालकर सर्व करे।

मेथी दाना सब्ज़ी बनाने की विधि | Methi Dana Ki Sabji in Hindi

Methi Dana Ki Sabji in Hindi हरी मेथी की सब्जी और पराँठे सभी को पसंद होते है सर्दियों के मौसम में लगभग हर घर में ये बनाये जाते है मगर क्या आपको पता है कि मेथी के बीज से भी बहुत बढ़िया सब्जी बनायीं जा सकती है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे है तो आइये जानते है इस रेसिपी के बारे में।



सामग्री
मेथी दाना – 1 /4 कप
किशमिश – 1 /4 कप
करी पेस्ट के लिए
सौंफ – 1 बड़ा चम्मच
साबुत धनिया – डेढ़ बड़े चम्मच
जीरा – 1 छोटा चम्मच
साबुत मिर्च – 2
साबुत अमचूर – 2 टुकड़े
सूखे खजूर – 2 -3
नमक – स्वादानुसार
तड़का बनाने के लिए
तेल – 2 बड़े चम्मच
तेजपत्ता – 2
साबुत लाल मिर्च – 2
हींग – 1 चुटकी
नींबू रस
हरा धनिया
विधि
मेथीदाना और किशमिश को अच्छी तरह से धोकर अलग – अलग गरम पानी में 3-4 घंटे के लिए भिगो दे।
चार घंटे बाद मेथी दाना फूल जायेगा ,इसे छन्नी में डालकर एक बार फिर अच्छी तरह से धो लें।
किशमिश भी पानी से निकाल लें और खजूर को भी भिगो लें।
नमक को छोड़कर करी के पेस्ट की सारी सामग्री गरम पानी में एक घंटा भिगो दे.
उसके बाद अच्छी तरह से निथार कर मिक्सी में पेस्ट बना लें।
एक पैन में तेल गरम करें। तेजपत्ता ,हींग व लालमिर्च डालकर चलाएं व करी पेस्ट डाल दें।
तेल के अलग होने तक इसको भूनें।
अब किशमिश व मेथीदाना डालें साथ ही नमक भी दाल दें।
दो बड़े चम्मच पानी डालकर चलाएं और धीमी आंच पर ढ़ककर पांच मिनट तक पकाएं।
नींबू का रस व कटा धनिया डालकर सर्व करें।

Sunday, November 11, 2018

सेहत के लिए बहुत लाभदायक होते हैं कच्चे केले | Raw Bananas Health Benefits in Hindi

Raw Bananas Health Benefits in Hindi कच्चे और पके फल दोनों ही सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होते है। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते है कच्चा केला भी उन्ही में से एक है और सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है इसमें कई तरह के पोषक तत्व और विटामिन्स होते है जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है।

भरपूर मात्रा में फाइबर
कच्चे केले में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो हमारे हृदय और पाचन क्रिया के लिए बहुत ही लाभदायक है। 
2.6 ग्राम फाइबर हमें करीब 100 ग्राम कच्चे केले में मिल जाता है।
जिस भी भोजन में फाइबर होता है वह रक्त में शर्करा को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
इससे अटैक का खतरा भी कम रहता है और कोलोस्ट्रोल का स्तर भी नियंत्रण में रहता है।
कच्चे और पके केले दोनों में ही बड़ी मात्रा में पोटैशियम होता है।
पोटैशियम छोटी रक्तवाहिकाओं को बड़ा करने का कार्य भी करता है।
जिस कारन ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को भी नियंत्रण में रखता है।
करीब एक कप कच्चे केले में 531 mg पोटैशियम की मात्रा होती है।
विभिन्न रोगों में फ़ायदेमंद
वज़न बढ़ाने के लिए, गर्भवती महिलाओं के लिए, बच्चों के विकास के लिए, हृदय तथा मधुमेह के मरीज़ों के लिए यह फ़ायदेमंद होता है।
उल्टी और पेट की जलन हाेने पर इसे खाने से राहत मिलती है।
दक्षिण भारत में नारियल के अलावा केलों का भी बेहद अधिक सेवन किया जाता है।
कच्चे केले का चूर्ण बनाकर 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाता है जो उनकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है।
स्टार्च की मात्रा 
कच्चे केले में बहुत बड़ी मात्रा में स्टार्च पाया जाता है। स्टार्च तत्काल ऊर्जा का अच्छा स्राेत है।
एक कच्चे केले में 105 कैलोरी होती है जो कि 90 प्रतिशत कार्ब्स से आती है।
इसमें पोषक तत्व भी अधिक मात्रा में होते हैं, जैसे पोटैशियम, विटामिन बी 6, विटामिन सी, मैग्नीशियम आदि।

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Friday, October 12, 2018

लिवर को ठीक रखने में मददगार आहार | Liver Care Tips Hindi

Liver Care Tips Hindi कई बीमारियों और बुरी लतों की वजह से लिवर में कमजोरी आ जाती है। पीलिया जैसी बीमारियों से ऐसा हो सकता है। ऐसे में पाचनतंत्र को ठीक रखने में कई प्रकार के आहार मददगार होते हैं.




बॉडी को हाइड्रेट रखिए
शरीर को हाइड्रेटेड रखकर लिवर को पीलिया से जल्दी ठीक किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए पानी की बहुत बड़ी भूमिका होती है।
पानी न सिर्फ पाचनतंत्र ठीक रखने में मददगार है बल्कि लिवर और किडनी से टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालता है।
पानी की मात्रा 2-3 लीटर रख सकते हैं।
इसके साथ में नींबू पानी और अंगूर के जूस में भी एंटीऑक्सीडेंट होते है। तो इनका सेवन करें।
लिवर क्षतिग्रस्त कम होगा
हरी सब्जियों और फलों के फायदे तो सभी जानते है। इनमे एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर की मात्रा भरपूर होती हैं।
जो पाचन तंत्र कमजोर करने और मेटाबॉलिज्म स्लो होने पर लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं।
सभी फलों में लिवर फ्रेंडली पोषक तत्व पाए जाते हैं। जामुन, अंगूर, और करौंदे खाना बहुत फायदेमंद है।
लिवर दुरूस्त रखने मददगार चीज़ें
  • नींबू
  • पपीता
  • जैतून
  • टमाटर
  • आलूबुखारा
  • गाजर
  • चुकंदर
  • पालक
  • अदरक
  • लहसुन
ओट्स लिवर फ्रेंडली
साबुत अनाज में पोषक तत्व जैसे हेल्दी फैट, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल पाए जाते हैं।
ओट्स, जौ में मौजूद बीटा ग्लूकन लिवर को ठीक करने में मदद करता है।
लिवर के लिए नट्स बेहतर
नट्स और दाल में विटामिन ई और फेनोलिक एसिड पाया जाता है, यह फाइबर से भरपूर हैं।
लिवर फंक्शन को बेहतर रखने में अखरोट और अन्य नट्स जैसे बादाम, काजू, किशमिश, मूंगफली आदि का सेवन करना फायदेमंद हैं।
इनसे बनाये रखें दूरी
पीलिया के बाद लिवर को ठीक होने में काफी समय लगता है।
इसलिए ऑयली, ट्रांसफैट और सैचुरेटेड फैट युक्त चीज़ों से दूरी बनाये रखें।
दही, मलाई के साथ दूध व चीज जो फैट से भरपूर है, इनसे बचना चाहिए।
सोडा, बेकरी आइटम, कार्बोनेटेड ड्रिंक, पैकेज और कैन्ड फूड से दूरी बनाकर रखना आवश्यक है।

Cooking Tips in Hindi | बड़े काम के बेमिसाल नुस्ख़े

अगर आप खाना (Cooking Tips in Hindi) बनाने का शौक रखते है और आपको कई तरह की डिशेज बनानी आती है लेकिन कई छोटी-छोटी चीज़ें है जिसको न करने से सारी मेहनत ख़राब हो जाती है इस पोस्ट में कुछ ऐसे ही नुस्खे दिए गए है जिन्हे आप किचन में इस्तेमाल करके खाने का स्वाद बढ़ा सकते है।



* तैयार मिर्च के अचार में थोड़ा सा गुड़ और एक चम्मच सिरका डालें। अचार का स्वाद बढ़ जाएगा।
* गीले बिस्किट को कुरकुरा बनाने के लिए बर्तन में एक चम्मच चीनी डालें फिर इसमें बिस्किट जमाएं और इन्हें फ़्रिज में रख दें।
* खड़ा गरम मसाला तवे पर गर्म करने के बाद पीसें। इसकी ख़ुशबू में इज़ाफा होगा।
* दही को गाढ़ा जमाने के लिए जमाते समय दूध में मक्के के कुछ दाने डाल दें।
* यदि चावल बच जाएं तो उसमें सूजी, नमक, खट्टा दही और गर्म पानी डालकर मिक्सर में पीसें। इस मिश्रण से इडली बनाएं।
* केक बनाते समय मिश्रण में थोड़ी सी ग्लिसरीन मिला दें। केक मुलायम और स्पंजी बनेगा।
* इडली डोसे के लिए चावलों को भिगोने से पहले ज़रा सा भून लें। इससे इडली मुलायम और डोसा कुरकुरा बनेगा।
* भरवां सब्ज़ी बनाते समय उसमें थोड़ा सा बेसन डाल दें, सब्ज़ी स्वादिष्ठ बनती है।
* कढ़ी बनाने से पहले बेसन को सूखी कड़ाही में भूने फिर एक बार छान लें। कढ़ी स्वादिष्ठ बनेगी।
* काले छोले बनाने के लिए उबालते वक़्त अनार के छिलके डाल दें। छोलों का रंग बदल जाएगा। उबालते समय ही अगर उसमें 1 चम्मच गरम मसाला डाल दें, तो भी छोलों का स्वाद बढ़ जाएगा।
* गोभी बनाने से पहले उसे काटकर एक बोल में 2 चम्मच नमक डालकर 20 मिनट के लिए रख दें। इससे गोभी के अंदर छिपे कीड़े बाहर निकल जाएंगे।
* आलू के पराठे बेलते समय आलू गीला होने के कारण पराठे फटने लगते हैं। आलू का मसाला बनाकर उसमें पोहे मिला दें और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। पोहे आलू का अतिरिक्त पानी सोख लेंगे और वे बेलते वक़्त फटेंगे नहीं।

पंजाबी भरवाँ टिंडे | Punjabi Style Bharwa Tinde hindi

Punjabi Style Bharwa Tinda hindi बहुत से लोगों को टिंडा, लौकी, जैसी कई सब्ज़ियां पसंद नहीं होती। लेकिन अगर किसी भी सब्ज़ी को अच्छे तरीके से बनाया जाए तो ये सबको पसंद आती है। आज हम ऐसी ही सब्ज़ी के बारे में बताने जा रहे है जिसका नाम है भरवां टिंडा पंजाबी स्टाइल उम्मीद है आपको ये रेसिपी बहुत पसंद आएगी।



सामग्री
टिंडे – 500 ग्राम
प्याज – 2 मध्यम आकार के
हरी मिर्च – 2 (बारीक़ कटी हुई)
अदरक – 1 इंच का टुकड़ा
हींग – 1/4  चम्मच
जीरा साबुत  – 1 चम्मच
हल्दी पाउडर – 1 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – 1 चम्मच
अमचूर पाउडर – 1/2  चम्मच
धनिया पाउडर – 1 चम्मच
सांबर मसाला पाउडर – 1 चम्मच
गरम मसाला पाउडर – 1 चम्मच
घी – 2 चम्मच
नमक – आवश्यकतानुसार
विधि
टिन्डो पर चीरे लगाकर रख लें।
एक बर्तन में लाल मिर्च, अमचूर, नमक, हल्दी, धनिया, सांभर मसाला, गरम मसाला पाउडर और हींग मिलाएं।
अब इन मसालों को अच्छी तरह से मिला लें।
टिन्डो के अंदर ये मिश्रण चम्मच की सहायता से भर लें।
पैन में घी गरम करें और इसमें जीरे को चटकायें।
जब जीरा चटकने लगे इसमें अदरक और हरी मिर्च डाल लें।
अब इसमें प्याज़ डालकर अच्छी तरह से भून लें।
इसमें भरे हुए टिंडे डालकर दो मिनट मिलायें।
अब ढक्कन लगाकर अच्छी तरह से पका लें।
तैयार है पंजाबी स्टाइल भरवां टिंडे।
गरमा -गरम चपातियों के साथ सर्व करें।