Side Effects Of Sleeping Pills Hindi नींद से संबंधित समस्याओं में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है जिसके समाधान के लिए लोगों को नींद की गोलियों का सेवन करना पड़ रहा हैं। इन दवाओं में ऐसे कई हानिकारक तत्व होते है जिसके कारण व्यक्ति को नींद की गोलियों पर निर्भर होना पड़ सकता हैं लोगों को ऐसा लगने लगता है कि वह उनके बिना सो नहीं सकते हैं।
नींद न आने के कुछ कारण
- समय का अभाव
- अधिक काम
- चिंता
- काम की डेड लाइन
- पुरानी बीमारियां
- ध्यान न लगना, व्याकुलता
कई सारी वजहें है जिससे नींद न आने की समस्या हो जाती है जिस कारण इन दवाओं का उपयोग किया जाता है।
ताकि सही से नींद आ सके और बार-बार उठना न पड़े।
मगर और दवाओं की तरह इन दवाओं के भी साइड इफेक्ट्स होते है।
जिसके कारण व्यक्ति इन दवाओं का आदी हो जाता है और इसका सेवन किये बिना उसे नींद नहीं आती।
नींद की दवाओं के दुष्प्रभाव
- सिर दर्द
- चक्कर आना
- मुंह सूखना
- कब्ज
- गैस
- भूख में परिवर्तन
- अनैच्छिक कम्पन्न और कमजोरी
- ध्यान और यादाश्त सम्बन्धी समस्याएं
सावधानी
- किसी भी प्रकार के नशे के साथ नींद की गोली का सेवन न करें यह बहुत ही हानिकारक हो सकता है।
- जब तक चिकित्सक की सलाह न हो दूध के साथ इसका सेवन न करें।
- चिकित्सक की सलाह के बिना अपनी इच्छा से इनकी मात्रा में वृद्धि न करें।
- कभी भी दो दवायें एक साथ न लें।
- दवा लेने का समय निश्चित हो
नियमित दुरुपयोग का परिणाम
- उनींदापन
- व्यवहार में सुस्ती
- पहनावे के प्रति लापरवाही
- अस्त-व्यस्त जीवनशैली
- दवा लेने के लिए किसी डॉक्टर की तलाश
- बेहोशी
- दिल की धड़कन कम हो जाना
अगर इन दवाओं की आदत पड़ गयी तो उस आदत को छोड़ते समय कई दिक्कतें और बहुत लम्बा समय लग सकता है।
इस आदत को छोड़ने में चिकित्सक की सलाह बहुत मददगार होती है इसलिए सलाह अवश्य लें।
जो लोग नींद की गोलियां लेना बंद करते हैं वे आम तौर पर वापसी के लक्षणों के विभिन्न स्तरों की रिपोर्ट करते हैं।
नींद की दवायें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक निर्भरता पैदा कर सकती हैं, जिससे दूर करना मुश्किल हो जाता है।
सही उपचार योजना के साथ, सुरक्षित रूप से अपनी नींद की गोलियों को व्यवस्थित कर सकते हैं और अपने जीवन को वापस ट्रैक पर ला सकते हैं।
नींद की गोलियों छोड़ने के लक्षण खतरनाक नहीं हैं, लेकिन सावधानी नहीं हैं तो जटिलताएं हो सकती हैं।
इस दौरान, एक रोगी की अनिद्रा वापस आती है। कभी-कभी यह पहले से ज्यादा बदतर होती है।
नींद लाने के कुछ तरीके
- रात को आठ बजे तक रात का खाना खा लें ताकि मेटाबॉलिज्म नींद की प्रक्रिया में बाधक न बने
- शाम को 5 बजे के बाद चाय, कॉफी का सेवन न करें
- सोने से 2 घण्टे पहले, टीवी,लेपटॉप,मोबाइल दूर रख दें
- गुनगुने पानी से नहायें।
- मनपसंद मधुर संगीत सुने।
- आंवला या बादाम तेल से सिर पर मालिश करें।
- पैरों, पंजों की ठंडी और गर्म सेंक कर सकते है यह नींद लाने में सहायक है
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