Monday, July 23, 2018

फंगल इंफेक्शन | Fungal Infection Treatment in Hindi


Fungal Infection Treatment in Hindi मॉनसून की शुरुआत होते ही गर्मी से होने वाली बहुत सी बीमारियों हमें राहत मिलती है। परन्तु मॉनसून अपने साथ कई समस्याएं भी लेकर आता है जैसे त्वचा लाल चकत्ते, मुंहासे, बालों का उलझना या चिपचिपा होना इत्यादि। इन सभी समस्याओं से भी बड़ी एक समस्या है जो कि बारिश के साथ आती है और वो है फंगल संक्रमण, जोकि जल्दी से ठीक नहीं होता है।

गीली त्वचा फंगल के लिए जिम्मेदार
फंगल पैदा करने वाले जीवाणु मॉनसून में बहुत तेजी से फैलते हैं।
शरीर के अंगों जैसे हाथों और पैरों की उँगलियों के बीच का भाग, जहां ये संक्रमण बहुत अधिक तेज़ी से होता है।
अक्सर लोग बारिश में भीगने के बाद शरीर को गीला छोड़ देते हैं।
यही सब छोटी-छोटी गलतियां कई बार इस संक्रमण का कारण बन जाती है।
संक्रमण से बचना बहुत ही आवश्यक है इसलिए ज़्यादा देर तक त्वचा को गीला न रहने दें।
जुलाई और अगस्त में समस्या काफी बढ़ जाती है।
बालों की जड़ों में होने वाला संक्रमण के सामान्य फंगल संक्रमण से अलग होता हैं।
यह स्कैल्प पर छोट-छोटे फोड़ों, या चिपचिपी परत के रूप में होता है।
ऐसे ऐसे लक्षण नज़र आने पर तुरंत विशेषज्ञ की मदद लें अन्यथा समय पर इलाज़ नहीं करने पर यह बाल झड़ने कारण बन सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए खुद को साफ और सूखा रखें और एंटीबैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करें।
कपड़ों को साफ सुथरा रखें कीचड लगाईं कपड़ों को तुरंत धो लें।
नहाते समय पानी में एंटीसेप्टिक की कुछ बूंदें ज़रूर मिला लें त्वचा के लिए एंटीबैक्टीरिया वाला साबुन प्रयोग करें।
अगर संक्रमण हो रहा हो तो दवाएं डॉक्टर की सलाह लेकर ही लें।
कई बार लोग खुद बाजार से दवाएं खरीदकर इस्तेमाल करते है। यह घातक हो सकता है।
टाइट कपडे न पहने क्यूंकि इससे पसीना आने की संभावना रहती है। जिस कारण फंगल संक्रमण हो सकता है। 
खुद डॉक्टर न बने ऐसा करना समस्या को और भी बढ़ा सकता है। किसी विशेषज्ञ से जांच करवाएं क्यूंकि विशेषज्ञ ही इस समस्या का सही तरीके से समाधान कर सकता है।

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