Ear Care Important Tips in Hindi अक्सर देखा गया है कि कई लोगों को बार-बार कान साफ़ करने की आदत होती है। जो की कई बार बहुत ही घातक साबित हो सकती है जिन लोगों को यह आदत है वह कृपया ध्यान दें यह आदत जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें।
कान को रोज साफ करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है। क्यूंकि कान स्वत: साफ हो जाते हैं।
इसमें छेड़छाड़ करना कई समस्याओं को जन्म दे सकता है.
साफ करने की जरूरत नहीं
बरसात में नमी व उमस के चलते कान से संबंधित बीमारियां बढ़ जाती है।
इसलिए यह जरुरी है कि हम कानों (Ear Ringing Causes and cures in hindi) देखभाल अच्छे से करें।
ऐसा कुछ भी मत करें जो कान में समस्याओं को पनपने में मदद करे।
कई लोगों की आदत रोजाना कान को साफ करने की होती है।
उनमें यह धारणा होती है कि शरीर के अन्य अंगों की तरह कानों को भी रोजाना साफ़ करना चाहिए ।
इसलिए वह इयरबड, पिन या तीली जैसी वस्तुओं का प्रयोग करते है।
कई लोग नहाते समय पानी के छींटे लगाते हैं। जो कई परेशानियों को पैदा कर सकता है।
कान शरीर का एक ऐसा भाग है जो की स्वतः ही साफ हो जाता है।
शरीर के अन्य भागों की तरह इसको रोजाना साफ करने की जरूरत नहीं होती है।
कुछ ही लोगों में इस तरह की समस्या देखी जाती है।
जिनके कान में मैल अत्यधिक मात्रा में बनता है, बहुत ठोस होता है या कान की केनाल टेढ़ी व संकरी होने से अपने आप बाहर निकल पाने में रुकावट रहती है, तब केवल विशेषज्ञ से ही इसे निकलवाना चाहिए।
इस मामले में किसी भी तरह के घरेलू उपचार समस्या को बढ़ा सकते हैं।
रखिए इन बातों का ध्यान
कान को सूखा रखें इसमें पानी न जाने दें। नहाते समय कान में तेल या वेसलीन लगी हुई रुई लगाई जा सकती है।
ज्यादातर कान के पर्दे व हड्डी के रोग लंबे समय से जुकाम रहने पर होते हैं।
नाक बंद रहने या जुकाम रहने पर नाक व कान के मध्य स्थित यूस्टेकियन ट्यूब के उचित कार्य न करने की स्थिति में कान पर प्रतिकूल असर होने लगता है।
bone tb in hindi tb symptoms in hindi |
0 comments:
Post a Comment