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General Tips and Advice

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Health Topics in Hindi

This page provides some health topics in hindi on a variety of diseases, treatment and the role of diet and home remedies in improving your health.

Home Remedies Tips in Hindi

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Recipes in Hindi

A all kind of recipes in hindi. Get tips for famous Indian Recipes In Hindi, Learn Cooking Techniques, Recipes In Hindi.

Sunday, November 24, 2019

N Se Shuru Hone Wale Naam- न से हिंदू लड़कों के नाम

N Se Shuru Hone Wale Naam unke arth sahit jaaniye. saath hi hamare database mein naam ke arth, rashi, shubh ank ke baare mein jaankari bhi uplabdh hai.


न से हिंदू लड़कों के नाम

 नवीन
 नया, उपन्यास
 नलिन
 कमल, जल
 नकुल
 भगवान शिव का एक नाम, 5 पांडवों में से एक का नाम
 नरेंद्र
 पुरुषों के स्वामी
 नयन
 आँखे, समुदाय, सज्जन
नक्षत्र 
 मोती, सितारा
 नमह
 आदर, प्रार्थना करो
 नमन
 फार्म, निशान, अभिवादन


 नरेश
 राजा
 नरसिम्हा
 पुरुषों में शेर, अत्यंत शक्तिशाली
 नरोत्तम
 पुरुषों के बीच सबसे अच्छा, विष्णु जी का एक और नाम, बुद्ध
 नवतेज
 नई ऊर्जा, नयी रोशनी
 नवरत्न
 9 रत्न
 निकुंज
 एक कुंज
 निकेतन
 हाउस, हवेली
 निखिला
 संपूर्ण, सब, पूरा


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Thursday, November 14, 2019

नकसीर फूटने के कारण

नकसीर फूटना यानी नाक से खून बहना बेहद ही असुविधाजनक और डरावना होता है परंतु आमतौर पर यह कोई खतरे वाली बात नहीं होती।
बड़ों के मुकाबले बच्चों में अक्सर यह देखा जाता है। नाक में उंगली डालते हुए बच्चे नाक की झिल्ली को नुकसान पहुंचा देते हैं या फिर खेलते- कूदते उन्हें नाक पर चोट लग जाती है।
यह दोनों बातें ही आमतौर पर नकसीर फूटने का कारण होती हैं। परंतु अगर यौवनावस्था में भी अक्सर आपकी नाक से खून निकले तो इसे नज़रअंदाज़ ना करें।
किसी कारण की वजह से नाक से खून आना स्वभाविक है परंतु अगर बिना किसी कारण से रक्त प्रवाह हो तो वह सही नहीं है।

नकसीर फूटने के कारण

  1. नमी और निर्जलीकरण की वजह से सूखी श्लेष्मा झिल्ली
  2. ठंडी हवा
  3. एलर्जी
  4. रासायनिक उत्तेजक पदार्थ
  5. लगातार नाक में उंगली डालना या नाक को रगड़ना
  6. ज़ोर से नाक साफ करना
  7. ज़ोर से छींकना
  8. नेसल स्प्रे का अतिप्रयोग
  9. नेसल इंफेक्शन
  10. डेविएटेड सेपटम यानी नक की हड्डी का टेढ़ा होना
  11. ज़ुकाम या ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण
  12. चोट या क्षति

कम देखे जाने वाले पर नकसीर फूटने के खतरनाक कारण

  1. हाई ब्लड प्रेशर
  2. एस्पिरिन और वारफरिन जैसी खून पतला करने वाली दवाइयां
  3. खून का थक्का जमने के विकार
  4. नेसल व साइनस ट्यूमर
  5. एचएचटी, नाम का आनुवंशिक रोग
नकसीर फूटने के दो मुख्य इलाज हैं –
  1. आगे की तरफ झुकें
  2. नाक को दबा कर रखें
  • आगे की तरफ झुक कर बैठें, ना कि पीछे
प्राथमिक चिकित्सा के बारे में लोगों की कई कल्पित और गलत धारणाएं हैं। कहां जाता है कि नकसीर फूटने पर व्यक्ति हो पीछे की तरफ सर झुका कर लेट जाना चाहिए परंतु यह बिल्कुल गलत है।
खून के प्रवाह को रोकने के लिए खून का किसी तरफ से बहना जरूरी है। परंतु पीछे की तरफ सर रखकर लेटने से खून गले में जा सकता है।
श्वास नली में जा कर खून हमारे वायुमार्ग को भी ब्लॉक कर सकता है। पेट में जाकर पेट की परत को भी परेशान कर सकता है जिस वजह से व्यक्ति को उल्टी भी हो सकती है।
नाक को सही तरीके से दबाएं
नाक को सही तरीके से दबाने से बेहद लाभ प्राप्त हो सकता है। नाक को दबाने का अर्थ ही नहीं कि सिर्फ नासिकाओं को दबाएं बल्कि इस तरह दबाएं की नासिकाओं के साथ नाक के बीच की हड्डी पर भी दबाव पड़े।
नासिकाएं नरम उत्तक होती हैं इसलिए सिर्फ उन पर दबाव डालने से रक्त परवाह नहीं रुक पाता। सही तरीके से नाक को दबाने से रक्त प्रवाह धीरे-धीरे कम हो जाता है।
परंतु ऐसा करते हुए यह ध्यान रखना चाहिए की व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ़ ना हो। नाक की रक्त वाहिकाओं का नाक की हड्डी पर दबने से इन वाहिकाओं में रक्त आपूर्ति धीमी हो जाती है। खून का थक्का बनने से रक्त प्रवाह 5 मिनट के अंदर पूरी तरह रुक जाता है।
5 मिनट से पहले नाक पर से दबाव ना हटाएं। 5 मिनट पूरे होने के पश्चात ही हाथ हटाकर देख सकते हैं कि रक्तप्रवाह कुछ कम हुआ या नहीं।
अगर 5 मिनट बाद भी रक्त प्रवाह में कुछ बदलाव नहीं आता तो और 10 मिनट तक इसी तरह नक को दबाकर रखें।
नाक की हड्डी पर आइस पैक रखने से नाक की रक्त वाहिकाएं कस जाती हैं। दाब और आइस पैक एक साथ खून को रोकने में सहायता कर सकते हैं।
रक्त प्रवाह रुकने के बाद भी ज़ोर से नाक न साफ करें। झटके से नाक साफ करने से खून का थक्का निकल जाएगा और रक्त प्रवाह फिर से शुरू हो जाएगा।
डॉक्टर को कब दिखाएं
दो से तीन बार कोशिश करने के बाद भी अगर 15-20 मिनट तक नाक से खून बहना ना रुके तो उसे बिल्कुल भी हल्के में मत लें। अगर तो रक्त प्रवाह नीचे गिरने या चोट लगने की वजह से है उस स्थिति में भी डॉक्टर को दिखाना बेहद आवश्यक है।
अगर रक्त प्रवाह बहुत तीव्र है और तकरीबन एक कप खून कि हानि हो चुकी है तो समझ जाइए की डॉक्टर को दिखाने का समय आ गया है।
अगर किसी भी समय मरीज़ को चक्कर आने लगे या कमज़ोरी महसूस हो तो तुरंत 911 पर कॉल करें। अगर रक्तप्रवाह को समय पर ना रोका जाए तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है और शॉक में परिवर्तित हो सकती है।
निवारण
  1. सोते समय बिस्तर के पास कुल मिस्ट हुमिडीफायर रखें
  2. सलाइन नेसल स्प्रे का इस्तेमाल करें
  3. नेटी पॉट का उपयोग करें
  4. किसी तरह के मौजूद संक्रमण का इलाज करवाएं
  5. बच्चों को नाक में उंगली डालने से रोकें
  6. बच्चों के नाखून काट कर रखें

Wednesday, November 6, 2019

Hindu Baby Boy Names Starting With a

Baby Boy Names Starting With a


A Suru hone wale hindu ladko ke naam unke arth sahit jaaniye. saath hi hamare database mein naam ke arth, rashi, shubh ank ke baare mein jaankari bhi uplabdh hai.

1. Adhish
2. Aditya
3. Akshar
4. Ansh
5. Adheer
6. Abhijeet
7. Arijeet
8. Abhi
9. Abhilash
10. Abhinav

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Saturday, September 28, 2019

Diwali 2019 Kab Hai, Diwali 2019 Date

Diwali 2019 : दीवाली कब मनाई जाती है? 

Diwali 2019 : भारत का यह त्यौहार कार्तिक के हिंदू चंद्र महीने के 15 वें दिन मनाया जाता है। इसका मतलब है कि दिवाली की तारीख प्रत्येक वर्ष चंद्रमा के चक्र से भिन्न होती है, अक्टूबर या नवंबर में होती है।

 दीवाली का मुख्य त्यौहार रात हमेशा अमावस्या की रात को होता है, जिसे “सबसे अंधेरी रात” भी कहा जाता है। इस रात को भारत भर के समुदायों द्वारा मान्यता प्राप्त विभिन्न देवताओं की मौजूदगी के लिए मोमबत्तियाँ या दीप जलाए जाते हैं। रोशनी निराशा पर आशा की जीत की पुष्टि करती है, और बुराई पर अच्छाई की।

दिवाली का इतिहास क्या है ? 


दीपावली शब्द संस्कृत शब्द दीपावली से आया है, जिसका अर्थ है “रोशनी की पंक्ति” हिंदू धर्म में निहित है, भारत में कई संस्कृतियों और धर्मों में दीवाली मनाई जाती है। यह त्योहार सबसे पहले फसल उत्सव के रूप में शुरू हुआ, और प्राचीन धार्मिक ग्रंथों की कई कहानियों में है।

हिंदुओं के लिए, विशेष रूप से उत्तरी और मध्य भारत में, दिवाली 14 साल के वनवास के बाद श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण जी की अयोध्या में वापसी का प्रतीक है। श्री राम और उनकी पत्नी सीता के घर मार्गदर्शन करने में मदद करने के लिए पूरे भारत में दीये और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं।

दक्षिण भारत में, दीवाली लोकप्रिय रूप से हिंदू भगवान कृष्ण की एक कहानी बताती है – विष्णु का एक अलग अवतार – जिसमें कृष्ण एक दुष्ट राजा से 16,000 महिलाओं को मुक्त कराते हैं। गुजरात में, भारत के कई नए साल के उत्सवों में से एक दीवाली के साथ मेल खाता है।

उनकी दिवाली उत्सव समृद्धि, धन, सौभाग्य, और खुशी की देवी लक्ष्मी से जुड़ी है। उत्सव के दौरान, उपहार और सिक्कों का अक्सर आदान-प्रदान किया जाता है। और पूर्वी भारत में, स्थानीय हिंदू धर्म अक्सर दिवाली त्योहार को देवी दुर्गा के साथ जोड़ते हैं, और उसकी बुराई पर अच्छाई की जीत होती है।




Sunday, May 5, 2019

Tomato Soup Recipe Hindi-टमाटर सूप बनाने की विधि


टमाटर बहुत ही स्वादिष्ट होता है इसको बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता आप झटपट इस बना सकते है। आइये इस रेसिपी को बनाने का तरीका जान लेते हैं।

सूप के लिए आवश्यक सामग्री (Tomato Soup Recipe Hindi)
टमाटर – 600 ग्राम
मक्खन – 1 छोटा चम्मच
अदरक -1 इंच लम्बा टुकड़ा
गाजर – आधा कप (बारीक कटी हुई)
मटर – आधा कप
काली मिर्च – 1/2 छोटा चम्मच
नमक – स्वादानुसार
क्रीम – 1 छोटा चम्मच
कोर्न फ्लोर – 1 छोटा चम्मच
सूप बनाने की विधि
टमाटर सूप रेसिपी Tomato Soup Recipe Hindi बनाने के लिए सबसे पहले।
टमाटर और अदरक धोये और पीसे ले।
एक गहरे पैन में इस मिश्रण को १० मिनट तक उबालिए।
अब इस उबले मिश्रण को छलनी से छान ले।
एक कप ले और 2 छोटे चम्मच पानी डालें। इसमें कार्न फ्लोर डाले और मिला लें।
ध्यान रखें इस मिश्रण में गुठलियां न पड़े।
जब कॉर्न फ्लोर घुल जाये तो और पानी डाल दें।
एक कढ़ाई में मक्खन डाले,गर्म करे और मटर और गाजर डाले और नर्म होने तक भूनें।
अब इसमें कार्न फ्लोर और पानी का घोल डालें।
अब छना हुआ टमाटर और अदरक का सूप, काली मिर्च नमक और थोडा और पानी डाल ले और 5 मिनट उबालें।
इस सूप को क्रीम से गार्निश करें और गरमा-गरम सर्व करें।
आप इसमें ब्रेड के छोटे छोटे टुकड़े तल कर भी डाल सकते हैं|
हमें यकीन है कि टमाटर सूप रेसिपी Tomato Soup Recipe Hindi आपको बहुत पसंद आएगी और आप इसे घर पर अवश्य बनाएंगे। आपको अगर यह रेसिपी पसंद आयी तो इसको अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
और साथ में कमेंट भी करें अगर आपके पास कोई भी सुझाव हो तो उस सुझाव को कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें। आपका सुझाव हमें अच्छा लगा तो उसे हम अपने ब्लॉग पर अवश्य शामिल करेंगे।
आप भी हमारे साथ कोई भी रेसिपी शेयर करना चाहते है तो इस ईमेल आई डी inksea2018@gmail.com पर सम्पर्क करें।

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Monday, December 24, 2018

आंवले का अचार बनाने की विधि | Amla Pickle Recipe In Hindi

Amla Pickle Recipe In Hindi हमारे देश में अचार का इतना महत्व है कि इसके बिना खाने की थाली अधूरी लगती है अचार हर घर के किचन में आसानी से मिल जाता है आज हम आपको बताने जा रहे है आंवले का अचार बनाने की रेसिपी।



सामग्री
आंवला – आधा किलो
मेथी के दाने – 2 छोटे चम्मच
सौंफ का पाउडर – 2 छोटे चम्मच
हल्दी पाउडर – 2 छोटे चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
दरदरी पिसी पीली सरसों – 5 छोटे चम्मच
अजवायन – 1 छोटा चम्मच
हींग पाउडर – एक चौथाई छोटा चम्मच
सरसों का तेल – 250 ग्राम
नमक – स्वादानुसार
विधि
आंवलों को अच्छी तरह से धो लें और एक लीटर पानी में धीमी आंच पर उबालें।
तब तक उबालें जब तक आसानी से इनकी फांको से गुठलियों को अलग किया जा सके।
ठंडा होने पर पानी अलग करके फांकों को अलग कर गुटली निकाल दें ।
पैन में तेल को गर्म करें और गैस बंद कर दें। अब हींग, मेथी दाने और अजवायन डालकर हल्का सा भून लें।
सौंफ पाउडर ,लाल मिर्च पाउडर ,हल्दी पाउडर ,पीली सरसों और नमक डालकर मिश्रण को मिला दें।
आंवलों को इस मिश्रण में डालकरअच्छी तरह से मिला लें।
एक जार को अच्छी तरह से साफ़ करें।
मिश्रण ठंडा होने पर अचार इस जार में भरकर रख दें।
अचार को अगले 4-5 दिनों तक दिन में दो बार उलट पलट कर चला लें। ताकि मसाले आंवले के साथ मिल जाए।
इसको कुछ दिनों तक धूप में रखें और फिर इसका इस्तेमाल करें।

Bharwa Baingan Recipe in Hindi

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Cholai ka saag recipe in hindi

Cooking Tips in Hindi | बड़े काम के बेमिसाल नुस्ख़े

अगर आप खाना (Cooking Tips in Hindi) बनाने का शौक रखते है और आपको कई तरह की डिशेज बनानी आती है लेकिन कई छोटी-छोटी चीज़ें है जिसको न करने से सारी मेहनत ख़राब हो जाती है इस पोस्ट में कुछ ऐसे ही नुस्खे दिए गए है जिन्हे आप किचन में इस्तेमाल करके खाने का स्वाद बढ़ा सकते है।

* तैयार मिर्च के अचार में थोड़ा सा गुड़ और एक चम्मच सिरका डालें। अचार का स्वाद बढ़ जाएगा।
* गीले बिस्किट को कुरकुरा बनाने के लिए बर्तन में एक चम्मच चीनी डालें फिर इसमें बिस्किट जमाएं और इन्हें फ़्रिज में रख दें।
* खड़ा गरम मसाला तवे पर गर्म करने के बाद पीसें। इसकी ख़ुशबू में इज़ाफा होगा।
* दही को गाढ़ा जमाने के लिए जमाते समय दूध में मक्के के कुछ दाने डाल दें।
* यदि चावल बच जाएं तो उसमें सूजी, नमक, खट्टा दही और गर्म पानी डालकर मिक्सर में पीसें। इस मिश्रण से इडली बनाएं।
* केक बनाते समय मिश्रण में थोड़ी सी ग्लिसरीन मिला दें। केक मुलायम और स्पंजी बनेगा।
* इडली डोसे के लिए चावलों को भिगोने से पहले ज़रा सा भून लें। इससे इडली मुलायम और डोसा कुरकुरा बनेगा।
* भरवां सब्ज़ी बनाते समय उसमें थोड़ा सा बेसन डाल दें, सब्ज़ी स्वादिष्ठ बनती है।
* कढ़ी बनाने से पहले बेसन को सूखी कड़ाही में भूने फिर एक बार छान लें। कढ़ी स्वादिष्ठ बनेगी।
* काले छोले बनाने के लिए उबालते वक़्त अनार के छिलके डाल दें। छोलों का रंग बदल जाएगा। उबालते समय ही अगर उसमें 1 चम्मच गरम मसाला डाल दें, तो भी छोलों का स्वाद बढ़ जाएगा।
* गोभी बनाने से पहले उसे काटकर एक बोल में 2 चम्मच नमक डालकर 20 मिनट के लिए रख दें। इससे गोभी के अंदर छिपे कीड़े बाहर निकल जाएंगे।
* आलू के पराठे बेलते समय आलू गीला होने के कारण पराठे फटने लगते हैं। आलू का मसाला बनाकर उसमें पोहे मिला दें और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। पोहे आलू का अतिरिक्त पानी सोख लेंगे और वे बेलते वक़्त फटेंगे नहीं।

Ear Care Important Tips in Hindi | ठीक नहीं है रोज कान साफ करने की आदत

Ear Care Important Tips in Hindi अक्सर देखा गया है कि कई लोगों को बार-बार कान साफ़ करने की आदत होती है। जो की कई बार बहुत ही घातक साबित हो सकती है जिन लोगों को यह आदत है वह कृपया ध्यान दें यह आदत जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें।



कान को रोज साफ करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती है। क्यूंकि कान स्वत: साफ हो जाते हैं।
इसमें छेड़छाड़ करना कई समस्याओं को जन्म दे सकता है.
साफ करने की जरूरत नहीं
बरसात में नमी व उमस के चलते कान से संबंधित बीमारियां बढ़ जाती है।
इसलिए यह जरुरी है कि हम कानों (Ear Ringing Causes and cures in hindi) देखभाल अच्छे से करें।
ऐसा कुछ भी मत करें जो कान में समस्याओं को पनपने में मदद करे।
कई लोगों की आदत रोजाना कान को साफ करने की होती है।
उनमें यह धारणा होती है कि शरीर के अन्य अंगों की तरह कानों को भी रोजाना साफ़ करना चाहिए ।
इसलिए वह इयरबड, पिन या तीली जैसी वस्तुओं का प्रयोग करते है।
कई लोग नहाते समय पानी के छींटे लगाते हैं। जो कई परेशानियों को पैदा कर सकता है।
कान शरीर का एक ऐसा भाग है जो की स्वतः ही साफ हो जाता है।
शरीर के अन्य भागों की तरह इसको रोजाना साफ करने की जरूरत नहीं होती है।
कुछ ही लोगों में इस तरह की समस्या देखी जाती है।
जिनके कान में मैल अत्यधिक मात्रा में बनता है, बहुत ठोस होता है या कान की केनाल टेढ़ी व संकरी होने से अपने आप बाहर निकल पाने में रुकावट रहती है, तब केवल विशेषज्ञ से ही इसे निकलवाना चाहिए।
इस मामले में किसी भी तरह के घरेलू उपचार समस्या को बढ़ा सकते हैं।
रखिए इन बातों का ध्यान
कान को सूखा रखें इसमें पानी न जाने दें। नहाते समय कान में तेल या वेसलीन लगी हुई रुई लगाई जा सकती है।
ज्यादातर कान के पर्दे व हड्डी के रोग लंबे समय से जुकाम रहने पर होते हैं।
नाक बंद रहने या जुकाम रहने पर नाक व कान के मध्य स्थित यूस्टेकियन ट्यूब के उचित कार्य न करने की स्थिति में कान पर प्रतिकूल असर होने लगता है।

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मेकअप में गड़बड़ न करें | Makeup Tips in Hindi

मेकअप Makeup Tips in Hindi करना भी एक कला है, जिससे आप चेहरे को नया रूप देकर निख़ार सकते हैं। सही मेकअप आत्मविश्वास से भर देता है, वहीं मेकअप के दौरान हुई ज़रा सी चूक चेहरे की सुंदरता छीन सकती है। मेकअप के दौरान होने वाली ग़लतियां और उन्हें सुधारने के बारे में जानते हैं, ताकि आप इन ग़लतियों को न दोहराएं।



मॉइश्चराइज़र और प्राइमर का साथ
कुछ लोग चेहरा धोकर मॉइश्चराइज़र क्रीम का इस्तेमाल नहीं करते, जिस कारण त्वचा रूखी दिखती है।
और उस पर झुर्रियां नज़र आने लगती हैं। चेहरा धोकर पोछकर पहले मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करें।
मेकअप Beauty Tips in Hindi को क्रीम लगाने के 10-15 मिनट बाद ही लगाना शुरू करें।
त्वचा पर सीधे फाउंडेशन लगाने के बजाए पहले प्राइमर को लगाएं। उसके बाद ही फाउंडेशन लगाएं।
प्राइमर फाउंडेशन को चेहरे पर अच्छी तरह फैलने और मेकअप को ज़्यादा समय तक टिके रहने में मदद करता है।
फाउंडेशन की पहचान
सबसे पहले त्वचा के बारे में जानना ज़रूरी है, ताकि उसके अनुसार फाउंडेशन का इस्तेमाल किया जाए।
यदि त्वचा रूखी है तो फाउंडेशन से पहले मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यदि त्वचा तैलीय है तो वॉटर बेस्ड फाउंडेशन का ही चुनाव करें।
कुछ लोग गोरा दिखने के लिए बेहद हल्के रंग के फाउंडेशन का इस्तेमाल करते हैं जो कुछ समय बाद त्वचा पर आने वाले प्राकृतिक तेल के साथ मिलकर चेहरे पर कालापन ला देता है।
फाउंडेशन हमेशा त्वचा के रंग से मेल खाता लें। यदि त्वचा पीलापन लिए है तो एक स्किन टोन हल्का फाउंडेशन लें।
गोरा दिखने के लिए बहुत हल्के रंग के फाउंडेशन का इस्तेमाल न करें।
फाउंडेशन लगाने का सही तरीक़ा
अक्सर महिलाएं फाउंडेशन लगाकर सीधे रगड़ने लगती हैं, जो कि बिल्कुल ग़लत है।
फाउंडेशन लगाने का सही तरीक़ा यह होता है कि उसकी छोटी-छोटी बिंदियां चेहरे पर लगाएं और दो उंगलियों की मदद से थपथपाते (टैप) हुए फैलाएं।
इस तरह से फाउंडेशन पूरे चेहरे पर अच्छी तरह से सैट हो जाएगा।
सैटिंग पाउडर का इस्तेमाल
मेकअप को सैट करने के लिए अगर अधिक मात्रा में फेस पाउडर लगा लें, तो चेहरा सफेद और अजीब सा नज़र आने लगता है।
नैचुरल मेकअप के लिए हल्के से सैटिंग पाउडर का इस्तेमाल करें।
ब्लशर के लिए गालों पर हल्के हाथ से ब्लशर ब्रश इस्तेमाल करें।
आईशैडो का रंग
महिलाएं अक्सर इस भ्रम में रहती हैं कि जिस रंग के कपड़े पहने हैं आईशैडो, लिपस्टिक और नेल पॉलिश उसी रंग की होनी चाहिए।
इसे मेकअप ब्लंडर कहा जाएगा।
यदि गुलाबी रंग का ड्रेस पहन रही हैं तो उस पर ब्राउन, गोल्डन आईशैडो और स्मोकी आइज़ जंचेंगीं।
मैचिंग के लिए ड्रेस से मेलखाती लिपस्टिक लगा सकते हैं।
पूरे चेहरे पर न लगाएं ग्लिटर
रात की पार्टीज़ में कई बार महिलाएं ग्लिटरी पाउडर या फाउंडेशन का इस्तेमाल कर लेती हैं, जिसकी चमक पूरे चेहरे पर दिखती है।
इससे मेकअप बनावटी लगता है। ग्लिटर का इस्तेमाल ख़ास जगह करें।
आंखों पर ग्लिटरी लाइनर या आईशैडो लगाया जा सकता है।
ये दिखने में नैचुरल लगता है व आंखों को डिफाइन करता है।

Friday, December 21, 2018

How to Stay Fit and Healthy | ऐसे रखें खुद का ख्याल

How to Stay Fit and Healthy खुद को स्वस्थ बनाने के लिए हम कुछ नहीं करते मगर रोजमर्रा की जिंदगी में अगर छोटे-छोटे बदलाव कर लेंगे तो अच्छे नतीजे मिल सकते है तो सजग हो जाईये अपने स्वास्थ्य के प्रति और स्वस्थ जीवन जियें।



आजकल बाजार में सेहत बनाये रखने के लिए कई तरह के पाउडर और पेय पदार्थ है। मगर इनको अपनाना ही अपनी सेहत बनाने का रास्ता नहीं है अपितु अपनी रोजाना की दिनचर्या में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके भी खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है ये बदलाव न केवल आपको तंदुरस्त रखेंगे बल्कि कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से भी दूर रखेंगी।
सिर नीचे पैर ऊपर
फोन पर बात करने के दौरान या खाली समय में पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को दीवार के सहारे टिका लें।
आपके ऐसा करने से नसों में रक्त के जमने की समस्या का ख़तरा कम होता है।
इससे रक्त का संचार मस्तिष्क की ओर बढ़ता है और की नसों को भी आराम पहुंचेगा।
गले का भी रखें ख्याल
चेहरा,बाल और हाथों का ख़्याल रखने के लिए हम कई प्रकार के उपाय करते हैं लेकिन गले का थोड़ा काम ही ध्यान रखते हैं।
गले की त्वचा पतली और संवेदनशील होती है। इसलिए गले का ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है।
चेहरे की तरह गले पर भी रोज़ाना माॅइश्चराइज़र लगाएं।
हमेशा साथ रखें पानी
यह जानकारी लगभग सबको होती है कि एक दिन भर में 6- 8 गिलास पानी तो ज़रूर पीना चाहिए, जानते सब है मगर अमल बहुत कम लोग करते है।
इसे अमल में न ला पाने का सबसे बड़ा कारण है कि पानी पीना भूल जाना।
खासकर सर्दियों में तो लोग अक्सर पानी पीना भूल जाते है क्यूंकि इन दिनों में प्यास भी काम लगती है।
इसलिए जहां भी जाएं अपने साथ एक पानी की बोतल ज़रूर रखें।
ऑफिस डेस्क पर पानी रखते ही हैं, लेकिन बैग और कार में भी पानी की छोटी बोतल ज़रूर रखें।
सैटिन का तकिया
तकिए के कपड़े का सीधा सम्बन्ध आपके चेहरे से होता है।
अगर कपडा कड़क हुआ, तो झुर्रियां बढ़ सकती हैं। इससे बचने के लिए मुलायम रेशम या सैटिन के तकिए का उपयोग करें।
इससे चेहरा और बाल नहीं बिगड़ेंगे।
कसकर बाल न बांधें
पोनीटेल बनाकर बालों को पीछे कसकर बांधना बालों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है।
यह बालों को कमज़ोर बनाती है और समय के साथ बाल टूटने की समस्या बढ़ जाती है।
बालों को पीछे खींचकर बांधने से हेयर लाइन भी पीछे चली जाती है।
रबर बैंड की बजाय स्पायरल बैंड का उपयोग करें जिससे बाल बंधे होने पर भी ढीले नहीं होंगे।